Sidhu
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किसने लिखा है- “दिन-रात मर खप कर भी हमारे पसीने की कीमतमात्र जूठन, फिर भी किसी को शिकायत नहीं। कोई शर्मिंदगी नहीं, कोई पश्चात्ताप नहीं।”

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(A) नामवर सिंह

(B) ओमप्रकाश वाल्मीकि

(C) रामधारी सिंह दिनकर

(D) जे० कृष्णमूर्ति

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